वासुपूज्य भगवन की आरती

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ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी ।
पंचकल्याणक अधिपति , तुम अन्तरयामी ॥
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी …

चंपापुर नगरी भी धन्य हुई तुमसे स्वामी धन्य।
जयराम वासुपूज्य, मात पिता हर्षे।।
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी …

बाल ब्रह्मचारी बन, महाव्रत को धारा ।
प्रथम बालयति जग ने,, तुमको स्वीकारा ॥
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी …

गर्भ जन्म तप एवं केवल ज्ञान लिया स्वामी केवल ।
चंपापुर में तुमने, पद निर्वाण लिया ॥
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी …

वासवगण से पूजित, वासुपूज्य जिनवर स्वामी वासु ।
बारहवें तीर्थंकर, है तुम नाम अमर ॥
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी …

जो कोई तुमको सुमिरे सुख सम्पति पावे स्वामी सुख ।
पूजन वंदन करके, वंदित हो जावे ॥
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी …

घृत आरती ले हम सब तुम आरती करते स्वामी तुम ।
उसका फल मिले चंदना, मति शुद्ध करदे ॥
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी …

पंचकल्याणक अधिपति, तुम अन्तरयामी ॥
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी …

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