🪔 श्री तुलसी चालीसा in hindi
श्री तुलसी चालीसा लिरिक्स – ॥ दोहा ॥जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी ।नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी ॥श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब ।जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब ॥ ॥ चौपाई ॥धन्य …
श्री तुलसी चालीसा लिरिक्स – ॥ दोहा ॥जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी ।नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी ॥श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब ।जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब ॥ ॥ चौपाई ॥धन्य …
श्री रामदेव चालीसा लिरिक्स – ।। दोहा ।।जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार।लाज रखो तुम नन्द की, हरो पाप का भार। दीन बन्धु किरपा करो, मोर हरो संताप।स्वामी तीनो लोक के, हरो क्लेश, अरू पाप। ।। चैपाई ।। …
गंगा चालीसा लिरिक्स – ॥दोहा॥जय जय जय जग पावनी,जयति देवसरि गंग ।जय शिव जटा निवासिनी,अनुपम तुंग तरंग ॥ ॥चौपाई॥जय जय जननी हराना अघखानी ।आनंद करनी गंगा महारानी ॥ जय भगीरथी सुरसरि माता ।कलिमल मूल डालिनी विख्याता ॥ जय जय जहानु …
नवग्रह चालीसा लिरिक्स – ॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय ॥जय जय रवि शशि सोम बुध,जय गुरु भृगु शनि राज।जयति राहु अरु केतु ग्रह,करहुं अनुग्रह आज ॥ ॥ चौपाई ॥॥ श्री सूर्य स्तुति …
संतोषी माता चालीसा लिरिक्स – ॥ दोहा ॥बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार ।ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम ।कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम ॥ ॥ चौपाई ॥जय सन्तोषी …
यहां हम मातादत्तात्रेय चालीसा इन हिंदी (Dattatreya Chalisa in hindi) प्रस्तुत कर रहे है। यदि आप इस चालीसा को पड़ना चाहते है तो आप इस चालीसा को पढ़ सकते है। दत्तात्रेय चालीसा लिरिक्स – श्री दत्तात्रेय चालीसा ॥ दोहा ॥नाथ …
यहां हम राधा चालीसा इन हिंदी (Radha chalisa in hindi) प्रस्तुत कर रहे है। यदि आप इस चालीसा को पड़ना चाहते है तो आप इस चालीसा को पढ़ सकते है। राधा चालीसा लिरिक्स – ॥ दोहा ॥श्री राधे वुषभानुजा,भक्तनि प्राणाधार …
बाबा बालक नाथ चालीसा लिरिक्स – गुरू चरणों में सीस धर करूं प्रथम प्रणाम,बख्शो मुझको बाहुबल, सेव करूं निष्काम ,रोम रोम में रम रहा,रूप तुम्हारा नाथदूर करो,अवगुण मेरे, पकड़ो मेरा हाथ बालक नाथ ज्ञान भंडारा।दिवस रात जपु नाम तुम्हारा ॥ …
गोपाल चालीसा लिरिक्स – ॥दोहा॥श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल।वर्ण चालीसा सरस,सकल सुमंगल मूल॥ ॥ चौपाई॥जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी,दुष्ट दलन लीला अवतारी। जो कोई तुम्हरी लीला गावै,बिन श्रम सकल पदारथ पावै। श्री वसुदेव देवकी माता,प्रकट भये संग हलधर …
श्री पार्वती चालीसा लिरिक्स – ॥दोहा॥जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि।गणपति जननी पार्वती अम्बे! शक्ति! भवानि॥ ॥चौपाई॥ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे, पंच बदन नित तुमको ध्यावे।षड्मुख कहि न सकत यश तेरो, सहसबदन श्रम करत घनेरो।। तेऊ पार न पावत …