श्री झूलेलाल जी की आरती

5/5 - (1 vote)

ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा ।
पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥
ॐ जय दूलह देवा…

तुहिंजे दर दे केई, सजण अचनि सवाली ।
दान वठन सभु दिलि,सां कोन दिठुभ खाली ॥
ॐ जय दूलह देवा…

अंधड़नि खे दिनव, अखडियूँ – दुखियनि खे दारुं ।
पाए मन जूं मुरादूं, सेवक कनि थारू ॥
ॐ जय दूलह देवा…

फल फूलमेवा सब्जिऊ, पोखनि मंझि पचिन ।
तुहिजे महिर मयासा अन्न, बि आपर अपार थियनी ॥
ॐ जय दूलह देवा…

ज्योति जगे थी जगु में, लाल तुहिंजी लाली ।
अमरलाल अचु मूं वटी, हे विश्व संदा वाली ॥
ॐ जय दूलह देवा…

जगु जा जीव सभेई, पाणिअ बिन प्यास ।
जेठानंद आनंद कर, पूरन करियो आशा ॥
ॐ जय दूलह देवा…

ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा ।
पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥
ॐ जय दूलह देवा…

Leave a Comment