आरती भानु दुलारी की (हिंदी) –
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
विराजै सिंहासन श्यामा ।
दिव्य श्री वृन्दावन धामा ।।
ढुरावै चंवर सुघर बामा ।
पलोटै पग पूरण कामा ।।
लली पग अंक ।
चापी निःशंक ।
श्याम जनु रंक ।।
पाई निधि पारस प्यारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
गौर सिर कनक मुकुट राजै ।
चन्द्रिका चारु सुछवि छाजै ।।
कुटिल कुन्तल अली भल भ्राजै ।
लखत जेहि शिखि कलाप लाजै ।।
मांग सिंदूर ।
मोतियन पूर ।
सजीवन मूर ।।
ब्रह्मा गोवर्धनधारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
श्रवण बिच करणफूल झलकै ।
नासिका बिच बेसर हलकै ।।
गयन बिच प्रेम-सुधा छलकै ।
बंधु बल के लखि लखि ललकै ।।
चपलनथ चमक ।
दसन दुति दमक ।
सुमुखि मुख रमक ।
मधुर मुसुकनी सुकुमारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
मोतियन लरु उर मणिमाला ।
चिबुक झलकत इक तिल काला ।।
शम्भू शुक दे संग करताला ।
लली गुन गावती ब्रजबाला ।।
कबहुँ मुख मुरली ।
कबहुँ दृग दुरली ।
कबहुँ दृग जुरली ।।
कबहुँ सुधि भुरनी बिहारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
कीनारिन जरिन नील सारी ।
कंचुकी कुमकुम रंग वारि ।।
चुरी कर कंकन मनहारी ।
छीन कटि किंकिनि छवि न्यारी ।।
पायलनि पगनि ।
मिहावरी लगनि ।
बिछुवनी नगनि ।।
कृपालु सुकृति कुमारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।..x2